Line of Credit Vs Personal Loan: पर्सनल लोन से क्यों बेहतर है क्रेडिट लाइन? कर्ज लेने से पहले जान लें ये बातें, फायदे में रहेंगे
मुश्किल समय में आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए Line of Credit मददगार हो सकती है. इसे सामान्य भाषा में क्रेडिट लाइन भी कहा जाता है. ये आपके लिए पर्सनल लोन से बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. जानिए कैसे?
पैसों की जरूरत कभी भी और किसी को भी पड़ सकती है. कई बार स्थितियां ऐसी होती हैं कि कहीं और से पैसों का इंतजाम नहीं हो पाता और ऐसे में लोग पर्सनल लोन का विकल्प चुन लेते हैं. पर्सनल लोन से मौके पर रुपए का इंतजाम तो हो जाता है, लेकिन बाद में उसे अच्छे खासे ब्याज के साथ चुकाना पड़ता है. इस तरह की स्थितियों से निपटने में लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit) मददगार हो सकती है. इसे सामान्य भाषा में क्रेडिट लाइन भी कहा जाता है. ये आपके लिए पर्सनल लोन से बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. जानिए कैसे?
जानिए क्या है क्रेडिट लाइन
क्रेडिट लाइन या लाइन ऑफ क्रेडिट एक निश्चित रकम है जो आपको किसी बैंक या वित्तीय संस्थान की ओर से उधार के तौर पर दी जाती है. इस रकम में से आप जितनी रकम को खर्च करते हैं, आपको ब्याज भी सिर्फ उतनी ही राशि पर देना होता है. बाकी बची रकम Line of Credit में ही पड़ी रहती है. उस पर न कोई ब्याज लगता है और न ही कोई पेनल्टी. खर्च की हुई रकम को आप तय की गई निश्चित तारीख तक चुका सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप क्रेडिट लाइन के जरिए 1 लाख की रकम उधार लेते हैं और उसमें से 30 हजार रुपए ही खर्च करते हैं, तो ऐसे में ब्याज सिर्फ 30 हजार रुपए पर लगेगा. शेष राशि यानी 70 हजार रुपए क्रेडिट लाइन में ही बने रहेंगे.
कैसे तय होगी क्रेडिट लाइन की रकम
क्रेडिट लाइन के जरिए आपको 3000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक भी मिल सकते हैं, लेकिन आपको कितनी रकम उधार के तौर पर मिलेगी ये आपके क्रेडिट स्कोर, आर्थिक क्षमता और वित्तीय रिकॉर्ड पर निर्भर करता है. कोई भी वित्तीय संस्थान या बैंक इन बातों को जांचकर लोन की रकम को तय करता है. क्रेडिट लाइन शुरुआती लिमिट, उसकी ब्याज दर और अन्य नियम, लोन जारी करने वाले बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान निर्धारित करते हैं जो लोन जारी करते हैं.
पर्सनल लोन से कैसे बेहतर है क्रेडिट लाइन
- क्रेडिट लाइन कई मामलों में पर्सनल लोन से बेहतर विकल्प माना जाता है. पहला ये कि इसमें आप लोन के प्रीपेमेंट चार्ज वगैरह से बच जाते हैं.
- पर्सनल लोन में आप जितनी राशि कर्ज के तौर पर लेते हैं, उतनी पूरी राशि पर आपको ब्याज देना पड़ता है. लेकिन क्रेडिट लाइन में न तो पूरी स्वीकृत मात्रा पर ब्याज लगता है और न ही उसे पूरा का पूरा इस्तेमाल में लेने की बाध्यता रहती है.
- पर्सनल लोन के मुकाबले ये काफी लचीला है. पर्सनल लोन में आपको तय समय पर निश्चित ईएमआई देनी होती है, लेकिन क्रेडिट लाइन में आपको सिर्फ ब्याज देना होता है. प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान आप बाद में भी कर सकते हैं.
- पर्सनल लोन की तरह ही क्रेडिट लाइन की रकम को भी आप अपनी जरूरत के हिसाब से घर की मरम्मत, दवाओं, बच्चों की फीस, इलाज आदि के लिए कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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क्रेडिट लाइन का ऑप्शन कई मामलों में काफी बेहतर है, लेकिन इस ब्याज दरें पर्सनल लोन के मुकाबले ज्यादा होती हैं. इसके अलावा अगर आप इसमें मूलधन का भुगतान नहीं करेंगे, तो ब्याज का भुगतान बढ़ता रहेगा. कई बार फर्जी लोन ऐप क्रेडिट लाइन के चक्कर में कर्ज में फंसा सकते हैं. इसके अलावा क्रेडिट लाइन में अप्रत्याशित बदलाव की आशंका रहती है यानी क्रेडिट लाइन अप्रूव करने वाला बैंक एलओसी रद्द करने, आपकी सीमा कम करने, या किसी भी समय आपकी दर बदलने का निर्णय ले सकता है. ऐसे में आपको पर्सनल लोन लेना चाहिए या क्रेडिट लाइन, ये फैसला आपको जरूरत और उपलब्ध विकल्पों को देखते हुए लेना चाहिए.
11:14 AM IST